
केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों के विवाद पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने उपराज्यपाल की कार्यप्रणाली के बारे में ज्यादा टिप्पणियां कीं। पांच जजों की बेंच ने कहा- दिल्ली के उपराज्यपाल के पास स्वतंत्र फैसले लेने की शक्ति नहीं है। उनकी भूमिका खलल डालने वाली नहीं होनी चाहिए। कुछ अपवादों को छोड़कर वे हर मामला राष्ट्रपति के पास रेफर नहीं कर सकते।
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