इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) द हेग में 18 फरवरी से कुलभूषण जाधव के मामले में सार्वजनिक सुनवाई करेगा. इसमें भारत और पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत के सामने अपनी दलीलें पेश करेंगे. हालांकि सुनवाई से पहले पाकिस्तान ने मामले को उठा दिया है. जाधव भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं. उन पर पाकिस्तान में अफगानिस्तान से लगते सूबे में भारतीय खुफिया एजेंसी के लिए काम करने का आरोप है. पाकिस्तान लंबे अरसे से भारत पर बलूचिस्तान के अलगाववादी बागियों को समर्थन देने का आरोप लगाता है. वहीं अब पाकिस्तान के विदेश कार्यालय का कहना है कि भारत पाकिस्तान में हिंसा को अंजाम देने वाले अपने ही नागरिक कुलभूषण जाधव के इकबालिया बयानों को मानने के लिए तैयार नहीं है. साथ ही भारत के इस आरोप को भी खारिज किया कि पुलवामा हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है. पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल का कहना है 'जैश-ए-मोहम्मद साल 2002 से ही पाकिस्तान में एक प्रतिबंधित संगठन है और पाकिस्तान इन प्रतिबंधों पर अमल को लेकर अपने दायित्व निभा रहा है.' पाकिस्तान का कहना है कि भारत बिना किसी जांच के पाकिस्तान पर आरोप लगा रहा है. दरअसल, कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में पाकिस्तन के अशांत प्रांत बलूचिस्तान से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद पाकिस्तानी सेना की अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर भारतीय नागरिक जाधव को मौत की सजा सुनाई थी. भारत ने इसके खिलाफ उसी साल मई में आईसीजे का दरवाजा खटखटाया था. आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 में पाकिस्तान को मामले में न्यायिक फैसला आने तक जाधव को सजा देने से रोक दिया था. अब आईसीजे हेग में 18 से 21 फरवरी तक मामले में सार्वजनिक सुनवाई करेगा. संभावना है कि मामले में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हरीश साल्वे 18 फरवरी को दलीलें पेश करेंगे. वहीं पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिवक्ता खावर कुरैशी 19 फरवरी को पाकिस्तान की तरफ से दलीलें रखेंगे. भारत 20 फरवरी को इस पर जवाब देगा जबकि इस्लामाबाद 21 फरवरी को अपनी आखिरी दलीलें पेश करेगा. वहीं उम्मीद जताई जा रही है कि आईसीजे का फैसला 2019 की गर्मियों में आ सकता है.
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Monday, February 18, 2019
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» पुलवामा हमले पर आरोपों को खारिज करते हुए पाकिस्तान ने कुलभूषण मामले को दी हवा
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